दौलत क्याहै...? हमारे अपने जो हमसे और हम उनसे जो चाहते है... वही तो दौलत है... दौलत क्याहै...? हमारे अपने जो हमसे और हम उनसे जो चाहते है... वही तो दौलत है...
खुद को मिटाकर तुझ पर मरने की चाहत होती है। खुद को मिटाकर तुझ पर मरने की चाहत होती है।
पापा रूपी पर्वत ही मेरा हौसला बंधाता है। पापा रूपी पर्वत ही मेरा हौसला बंधाता है।
एक नए रूप के साथ बहरूपिया कलमकार। एक नए रूप के साथ बहरूपिया कलमकार।
दादी के जादूई डिब्बे के गाने नीलम मन हैं बहलाते। दादी के जादूई डिब्बे के गाने नीलम मन हैं बहलाते।
रूठ जाती है जो, छोटी-छोटी बातों पे। मान भी जाती है वो, एक मुस्कराहट पे। रूठ जाती है जो, छोटी-छोटी बातों पे। मान भी जाती है वो, एक मुस्कराहट पे।